Saturday, November 4, 2023

भोजपुरी रतन डॉ राम विचार पाण्डेय,


डॉ राम विचार पाण्डेय, जेकरा के 'भोजपुरी रतन' के खिताब मिलल रहे।  

दरअसल ई सवाल मंगल पाण्डे के रहे, जे आजादी के लड़ाई में बैरकपुर छावनी के सैनिकन से कइले रहलन आ ऊ लोग एक सुर में जवाब देले रहलन-

सब केहू तइयार बा

सब केहू तइयार बा!

प्रयाण गीत के ई अमर पांती भोजपुरी के एकांकी नाटक ‘शहीद मंगल पाण्डे’ के रहे, जवना में अठारह सइ संतावन के पहिल स्वाधीनता-संग्राम के झांकी का संगहीं मंगल पाण्डे के क्रांतिकारी भूमिका के रेघरिआवल गइल रहे। नाटककार रहनीं डॉ राम विचार पाण्डेय, जेकरा के ‘भोजपुरी रतन’ के खिताब मिलल रहे। चाहे गीत होखे,खण्डकाव्य होखे भा नाटक-डॉ राम विचार पाण्डेय के भोजपुरी साहित्य के सिरिजना कबो बिसरावल ना जा सके। उहांके अइसन पहिल भोजपुरिया चिकित्सक रहनीं, जेकरा आयुर्वेदिक आउर एलोपैथिक-दूनों चिकित्सा पद्धति में महारत हासिल रहे।

दू मार्च,1900 के बलिया जिला के दामोदरपुर (गड़वाल) में माई रुक्मिणी देवी आ बाबूजी हरि नारायण पाण्डेय के सपूत राम विचार के जनम भइल। सन् 1920 में छपरा जिला स्कूल से मैट्रिक के परीक्षा पास कइला का बाद कोलकाता के नामी कविराज गणनाथ सेन सरस्वती के मार्गदर्शन में वैद्यक के पढ़ाई शुरू कइनीं आ उहां से वैद्य के उपाधि हासिल कऽके सन् 1930 में बलिया शहर से डॉक्टरी पेशा के सिरीगनेस कइनीं। आस्ते-आस्ते प्रैक्टिस चलि निकलल आ मरीजन के भीड़ बढ़े लागल।


एकरा पहिलहीं 1920 में पाण्डेय जी के बियाह हो गइल रहे आ दूगो लरिकी के उहांके बाप हो गइल रहनीं।ओकरा बाद पत्नी के निधन हो गइल रहे आ 1940 में उहां के दोसर बियाह भइल रहे।

डाॅ राम विचार पाण्डेय के दवाखाना त खूब चलत रहे,बाकिर एलोपैथिक के चिकित्सक आलोचना कइल शुरू कऽ दिहलन -‘आरे पाण्डेय जी एलोपैथिक डॉक्टर थोड़ही हउवन,एमबीबीएस कइले रहितन त एगो बातो होइत!’ अच्छा, त ई बात बा! वैद्य पाण्डेय जी के भोजपुरिया स्वाभिमान जागि उठल।


उहांके फेरु से आई एस-सी के इम्तिहान बढ़िया ढंग से पास कइनीं, ओकरा बाद प्री-मेडिकल टेस्ट दिहनीं आ ओहू में कामयाब भइनीं।बाकिर जब दाखिला लेबे उहांके दरभंगा मेडिकल कॉलेज में पहुंचनीं,त ओह घरी उमिर बासठ साल हो गइला के कारन एडमिशन ना हो पावल।पाण्डेय जी अब न्यायालय के दरवाजा खटखटवनीं,काहेंकि दाखिला खातिर न्यूनतम उमिर के त जिकिर रहे,बाकिर अधिकतम उमिर के कवनो सीमा तय ना रहे। आखिरकार उहांके कोशिश रंग ले आइल आ तिरसठ के उमिर में उहांके एमबीबीएस में दाखिला भइल। डिग्री मिलला का बाद उहांके प्रैक्टिस खूब चले लागल आ उहां के जरनखोरन के छाती प मूंग दराए लागल। अब एलोपैथी आ आयुर्वेदिक-दूनों पद्धति के उहां के मशहूर चिकित्सक हो गइल रहनीं।


पाण्डेय जी लरिकाइएं से हिन्दी आ भोजपुरी में कविता लिखे लागल रहनीं आ कविसम्मेलन में जहवां मोका मिले,उहांके कविता सुनावे पहुंचि जाईं।एक बेरि उहांके चित्तू पाण्डेय खांटी भोजपुरी में भासन सुननीं। सुननिहारन के भीड़ ठकचल रहे। चित्तू पाण्डेय जी कहनीं कि तूं अब भोजपुरिए में कविता लिखऽ!एकरा के गुरुमंत्र मानिके उहांके खांटी भोजपुरी में कविता लिखे लगनीं आ हिन्दी कवि सम्मेलन के मंच पर जा के भोजपुरी कविता के धाक जमावे लगनीं।


बलिया के चितबड़ागांव में सन् 1945 में एगो विराट कविसम्मेलन भइल,जवना में हरिवंश राय बच्चन, श्याम नारायण पाण्डेय, राहुल सांकृत्यायन नियर नामी-गिरामी हस्तियन का बीचे समस्यापूर्ति के विषय रखाइल रहे-ज्योत्स्ना। पाण्डेय जी ओह कविसम्मेलन में पहुंचिके दरखास्त दिहनीं कि चूंकि ज्योत्स्ना के भोजपुरी में अंजोरिया कहल जाला, एह से ऊहो समस्यापूर्ति पर आपन भोजपुरी कविता पढ़िहन।बहुत ना-नुकुर का बाद उन्हुकर दरखास्त मंजूर भइल आ उन्हुकर अंजोरिया कविता सभ पर भारी पड़ल।फेरु फरमाइश पर बसंत-बरनन कवितो सुनावेके परल। अंजोरिया के शुरुआती पांती रहे-


टिसुना लागल सिरी किसुना के देखे के त

अधिरतिए खा उठि चलली गुजरिया।

चान का नियर मुंह चमकेला रधिका के

चम-चम चमकेली जरी के चुनरिया।



अइसहीं ‘बसंत-बरनन’ में ऋतुरानी के एगो चित्र देखीं-


अइली बसंत ऋतु महुआ का कोंचवा में

झांकि-झांकि हंसि-हंसि आंखि मटकावेली,

सरिसो का फूलवा का पीयर चदरिया में

तीसिया का फूल के बतीसी चमकावेली।


एह दूनों कविता का बारे में महापंडित राहुल सांकृत्यायन अपना ग्रंथ ‘लोकभाषाओं का इतिहास’ में खूब चरचा कइनीं आ उहांके त इहां तक लिखि दिहनीं-


‘राम विचार पाण्डेय,जो भोजपुरी के एक उदीयमान कवि हैं, की दो कविताएं ‘अंजोरिया’ और ‘बसंत-वर्णन’ मुझे देखने-सुनने को मिली हैं। मेरा दृढ़ मत है कि पाण्डेय जी यदि भोजपुरी में आगे और कविताएं न भी लिखें तो उनकी इन्हीं दोनों कविताओं ने भोजपुरी को और इनको अमर बना दिया है। जहां तक मेरा अध्ययन है, गत 400वर्षों में किसी भी लोकभाषा में क्या, हिन्दी में भी ऐसी कविताएं सामने नहीं आई हैं।’


‘जागऽ ए भोजपुर,जागि उठऽ, पूरब में धउरत लाली बा’ जइसन एक से बढ़िके एक नवजागरन गान रचेवाला डॉ राम विचार पाण्डेय जी सही माने में भोजपुरिया स्वाभिमान के निठाह प्रतीक रहनीं।राष्ट्रीय चेतना जगावे के दिसाईं रचाइल उहांके ‘भारत महिमा’,’हुलास’,’उलटनि’,’जागरन गान’ जइसन गीतन के जवाब नइखे।’शहीद मंगल पाण्डे’ नाटक अपना गीतन आ बेजोड़ प्रस्तुति के लेके उनइस सइ साठिए से जहवां चरचा का केन्द्र में रहल,उहवें 1954 में छपल कविता-संग्रह ‘बिनिया बिछिया’ आ 1957में प्रकाशित ‘जीवन गीत’ में डॉक्टर साहब के अनमोल कविता के मोती जगमगात बा। उहांके खण्डकाव्य रहे 1956 में छपल ‘आसा’,जवना के एक सइ पनरह छंदन में आस-उमेदि आ बिसवास के दियना बारल गइल रहे। उहांके आखिरी जियतार कविता के किताब रहे ‘गुरुम्हा’,जवन भोजपुरी भाषा आ कविताई के उठान के सूचक बा।

डॉ रामविचार पाण्डेय जी ताजिनिगी भोजपुरी के उठान आ बढ़न्ती खातिर साधनारत रहनीं आ उहांके ऐतिहासिक अवदान खातिर भोजपुरी रतन के खिताब का संगहीं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान आउर भोजपुरी अकादमी, बिहार उहां के सम्मानित कऽके खुदे सम्मानित भइल।

चिकित्सा आ साहित्य का संगें-संगें डॉ राम विचार पाण्डेय के बालिका शिक्षो में महत्वपूर्ण योगदान रहल।दोसरकी पत्नी से हालांकि कवनो संतान ना भइल,बाकिर उन्हुकर भरपूर सहजोग रहल पाण्डेय जी के रचनन के सहेजे में, काहें कि अपना रचनन का प्रति उहांके लापरवाह रहत रहनीं।पाण्डेय जी बालिका शिक्षा के जरूरत महसूस करत तीखमपुर,बलिया में दू बिगहा जमीन कीनिके पत्नी के नांव प रामरती बालिका इण्टरमीडिएट काॅलेज के स्थापना कऽके मान्यता दियववनीं आ ऊ संस्थान आजुओ फरि-फूलि रहल बा।

1989 के फरवरी महीना में आशुकवित्व के जनमजात प्रतिभा के धनी आ भोजपुरी के अनमोल रतन राम विचार पाण्डेय जी आखिरी सांस लिहनीं।पाप-पुन्न के परवाह ना कऽके उहांके ताजिनिगी भोजपुरी माई आ मनुजता के सेवा कइनीं।उहां के इयादि के प्रणामांजलि उहेंके ‘जीवन गीत’ के उद्धृत करत-


दू दिन का एह जीवन में

ना सवंस मिलल जे सोचि सकीं,

जे कुछ कइलीं, कहलीं, बुझलीं

कवना में केतना पुन्नि रहल

कवना में केतना रहल पाप!


Tuesday, January 10, 2023

भोजपुरी में उपयोगी वाक्यांश (Phrases)

भोजपुरी में उपयोगी वाक्यांश (Phrases)

I miss you                                  तोहार बड़ी याद आवे ला 

I love you                                  हम तोहसे प्यार करेनी 

Get well soon                           जल्दी से ठीक हो जाई

Leave me alone                       हमके अकेले छोड़ द

Call the police!                        पुलिस को बुलाव

 Welcome                                 आईं ना 

How are you?                          का हाल बा? 

Reply to 'How are you?'        सब बढ़िया बा 

Long time no see                    बड़ी दिन से भेंट ना भईल ह 

What's your name?              तोहार नाव् का बा?

My name is ......                     हमार नाव् ... .......ह

Where are you from?           तु कहाँ से हव? 


Pleased to meet you             तोसे मिल कर अच्छा लागल 

Good morning                     राम राम 

Good luck                            किस्मत बढ़िया रहे

Have a nice day                   बढ़िया दिन रहे 

Happy journey                   सफ़र बढ़िया रहे 

No                                        ना 
 
I don't know                       हमके नइखे मालूम 

I understand                      हम समझतनि 

I don't understand            नइखे समझ में आवत 

Please speak more slowly   तनि आहिस्ता आहिस्ता बोलअ 

Please say that again         तनि दुबारा कह 

Please write it down         एहके लिख ल त

Do you speak Bhojpuri?    तु भोजपुरी बोले ल? 

Yes, a little                          हाँ, तनि तनि 

Speak to me in Bhojpuri     हमरा से भोजपुरी में बात करअ


Excuse me                         माफ़ करीं 

How much is this?           इह केतना के ह? 

Sorry                                माफ़ करीं 

 
Would you like to dance with me?    हमरा साथे नाचे के चाहतड़? 

                                                              हमरा साथे नाचे के चाहतडु? 



Monday, July 12, 2021

हंसना जरूरी है 😜🔫


Fully latest

अस्पताल में एक बच्चा पैदा होते ही नर्स से बोला :- भूख लगी है नाश्ते में क्या है ?

नर्स :- लिट्टी चोखा

बच्चा :- ई का, दुबारा बिहार में आ गईनी का रे !!!! 


😜😜😂😂😂😜😃😊😄😉😛


एक बिहारी की तपस्या से प्रसन्न होकर

भगवान उसको अमृत देते हैं तो

वो मना कर देता है

भगवान - क्यों वत्स..अमृत क्यों नहीं पी रहे.

बिहारी -अभिये खैनी खाये हैं प्रभु।।


😜😃😃😃😃😃😊😊😜😝😛


अध्यापक - छात्र से -

भोजपुरी में अनुवाद करो ?-

दिल के टुकड़े टुकड़े कर के मुस्कुरा के चल

दिए.......

छात्र:- करेजवा के बुकनी बुकनी कर के दांत

चियार के चल देहलू...

😃😊😊😊😊😊😊😂😂😛😂


काँनवेन्ट स्कूल और सरकारी स्कूल के

बच्चों में क्या अंतर होता है आइये देखते हैं-

चिड़ियाधर मे काँनवेन्ट स्कूल के बच्चे-

Oh!wow monkey is sleeping, don't disturb

सरकारी स्कूल के बच्चे ...

" हऊ देख बनरा सुत्तल बा, मार ढेला सार

के!!!


😄😃😃😀😉😜

Thursday, April 4, 2019

भोजपुरी मुहावरा 1

Collection of Bhojpuri Proverbs.
मियाँ जी दूबर काहे? शहर का अनेसा से.
Worrying unnecessarily for others unrelated to you.

जवना खातिर अलगा भइनी, तवने मिलल बखरा.
The reason I got separated for was given me as my share! 

सौतिन के खीस कठौती पर.
Taking revenge from some innocent person for the fault of some other person.

कोढ़िया डेरावे थूक से.
Leper threatens of spitting on you, as they can do nothing else to harm you.

पांच कवर भीतर, तब देवता पित्तर!
Think of self first, later about all others.

Friday, February 1, 2019

भोजपुरी मुहावरा 2

Collection of Bhojpuri Proverbs.


लिलार बड़ सरदार के, गोड़ बड़ गँवार के.

Influnencial people have big foreheads while the rustics have big feet.

सेतिहा के सेनुर, भर गाँव बिआह.
Free vermillion instigates the whole village to organise marriages. People run for FREE items and spend a lot in the process!

छूछी हाँड़ी टनटन बाजे.
Empty vessels make more noise.Those who have no intention to fulfill make high promises.

दमड़ी के चाम गइल, कुकुर के जात चिन्हाइल.
Dishonest identified at negligible cost.

थूक चाटला से पियास ना बुतावऽ
You cant quench your thirst by swallowing your saliva!

भोजपुरी रतन डॉ राम विचार पाण्डेय,

डॉ राम विचार पाण्डेय, जेकरा के 'भोजपुरी रतन' के खिताब मिलल रहे।   दरअसल ई सवाल मंगल पाण्डे के रहे, जे आजादी के लड़ाई में बैरकपुर छाव...